शेयर कितने प्रकार के होते हैं?
हेलो फ्रेंड्स आज हम बात करेंगे type of share यानी कि शेयर कितने प्रकार के होते हैं और उनके बीच में क्या-क्या अंतर होते हैं इसके बारे में। जैसा कि हमने पिछले आर्टिकल में जाना है की शेर क्या होते हैं और शेयर मार्केट किसे कहते हैं के बारे में शेयर जोकि किसी कंपनी के द्वारा अलग-अलग हिस्सों में बांटा जाता है।

शब्दों में कहां जाए तो जब कोई कंपनी कैपिटल जनरेट करने के लिए शेयर्स को अलग-अलग हिस्सों में बात देती हैं और या बेच देती हैं जिन्हे हम लोग शेयर होल्डर्स कहते हैं। यह शेयर भी मुख्यतः 2 प्रकार के होते हैं
- Equity shares
- Preference shares
मान लीजिए Mr. A जिसने किसी कम्पनी के equity shares खरीदे हैं ।
वहीं दूसरी तरफ Mr. B ने Preference shares खरीदे हैं।
Right of devident
तो पहला कदम है rate of devident जिसे हम प्रॉफिट या मुनाफा कहते हैं।
यहां पर Mr B जिसने prefrence share खरीदे हैं जिसे कोई फर्क नहीं पड़ता है की कम्पनी को मुनाफा हो रहा है या फिर नुकसान क्योंकि Mr. B को कंपनी से fix पेमेंट मिलता है।
लेकिन Mr. A जोकि equity shares holder हैं इन्हें प्रॉफिट के हिसाब से डिविंडेंट मिलता है यानी की कंपनी के प्रॉफिट के हिसाब से फायदा होता है। कहने का मतलब है की यदि कंपनी को फायदा होगा तो Mr. A को भी फायदा होगा लेकिन यदि कंपनी को नुकसान होगा तो Mr. A को भी नुकसान होगा।
Prefrence Right
जैसे की 2025 में Mr. A और Mr. B दोनो एक ही कंपनी के share होल्डर हैं लेकिन मिस्टर A इक्विटी share होल्डर्स है और मिस्टर B preference शेयर होल्डर है यदि कंपनी को 2025 में फायदा होता है तो सबसे पहले मिस्टर बी जो की रेफरेंस होल्डर हैं उन्हें प्रॉफिट होगा बाद में बचा हुआ Mr. A जोक इक्विटी share होल्डर है उन्हें प्रॉफिट होगा लेकिन Mr. B को fix पेमेंट मिलेगा और मिस्टर A को हिस्सेदारी के हिसाब से प्रॉफिट होगा।
Winding Up
मान लीजिए कि किसी कारणवश कंपनी बंद हो रही है तो इस स्थिति में शेयर होल्डर्स को कंपनी अपने समान जैसे की फर्नीचर , रूम , बिल्डिंग आदि को बेचकर पैसे देती है।
यहां पर भी Mr. B जो की प्रेफरेंस शेयर होल्डर है उन्हें पहले पेमेंट मिलेगा बाद में बचा हुआ Mr. À जो कि इक्विटी शेयर होल्डर है उसे मिलता है।
Voting Rights
अब यदि voting rights की बात की जाए तो Mr. A जोकि equty शेयर होल्डर हैं उन्हें मिलती हैं कम्पनी के वोटिंग राइट्स ।
वहीं Mr. B जोकि कम्पनी के प्रिफरेंस शेयर होल्डर हैं उन्हें कम्पनी की तरफ से कोई भी वोटिंग राइट्स नही मिलती हैं।
Personal Finance Kya Hai – अमीर बनने के लिए Personal Finance क्यों जरूरी है
Coroporate Finance Kya Hota Hai
Right to Participate in Management
यह भी कंपनी की वोटिंग राइट्स की तरह हीं है जिसमे Mr. A को कंपनी के मैनेजमेंट करने के लिए हिस्सेदारी मिलती है लेकिन Mr. B इस पार्टिसिपेट का हक नही रखते हैं।
अब आप सोच रहे होंगे की Mr B की तरह prefrence share holder बनना ही सही है क्योंकि इसमें fix profit मिल रहा है, डेविडेंट भी पहले मिल रहा है, और यदि कंपनी बंद हो जाती है तो नुकसान होने पर पैसे डूबने का भी डर नहीं है लेकिन आपको बता दे की यह इतना आसान भी ही साथियों क्योंकि कम्पनी अपने प्रिफरेंस शेयर जेनरेली फाइनेंशियली इंस्टीट्यूशन को ही इस्सू करती है।
ये इंस्टीट्यूशन कम्पनी में तो इन्वेस्ट करना चाहते हैं लेकिन उनके शेयर मार्केट के उतार चढ़ाव से बचना चाहते हैं। इसलिए वो प्रिफरेंस शेयर ही प्रेफर करते हैं । वहीं कंपनी भी लोन नहीं लेना चाहती इसलिए prefrence शेयर prefrence इंस्टीट्यूशन को ही इश्यू कर देती है।
इन सब के अलावा कुछ और भी डिफेंसेस होते हैं जैसे की प्रिफरेंस शेयर स्टॉक मार्केट में ट्रेड नही किए जाते हैं इसलिए इन शेयर के प्राइस काम या ज्यादा होने के काम चांसेस होते हैं। वहीं दूसरी तरफ equty shares शेयर मार्केट में ट्रेड होते हैं तो उसमे जो प्राइस up या down होते हैं वो डिपेंड करते हैं उस स्टॉक की डिमांड या सप्लाई पर ।
लेकिन इसका मतलब यह भी ही की प्रिफरेंस शेयर होल्डर अपने शेयर बेच नही सकता । एक फिक्स टाइम पीरियड होता है जिसके बाद प्रिफरेंस शेयर होल्डर अपने शेयर वापस कम्पनी को बेच सकता है।
वहीं दूसरी तरफ इक्विटी शेयर होल्डर ऐसा नही कर सकता । इक्विटी शेयर होल्डर स्टॉक मार्केट में किसी दूसरे buyer को शेयर बेच सकता है। इसमें दूसरा कैसे भी होता है जिसमे कंपनी इक्विटी शेयर होल्डर से शेयर खरीद सकती है। जिसे buy back of share कहते हैं।
शीर्षक – शेयर कितने प्रकार के होते हैं
आज के इस लेख में बस इतना ही दोस्तों शेयर मार्केट जोखिमों के अधीन है bittoos.com शेयर मार्केट पूर्ण रूप से फायदेमंद है इस बात की पुष्टि कभी भी नहीं करता है।
इसलिए शेयर मार्केट में पैसे इन्वेस्ट करने से पहले शेयर मार्केट के बारे में बहुत अच्छे से सीख लें इसके बाद ही शेयर मार्केट में पैसे इन्वेस्ट करें । उम्मीद ही की आज का लेख ” शेयर कितने प्रकार के होते हैं? ” आपके लिए फायदेमंद साबित हुआ होगा ।
