Corporate Finance Kya Hota Hai

Corporate Finance Kya Hota Hai – कॉरपोरेट फाइनेंस क्या होता है

क्या आप जानते ही की Corporate Finance Kya Hota Hai शायद नहीं जानते होंगे । रुकिए चिंता मत कीजिए क्योंकि आज के लेख में हम लोग Corporate Finance Kya Hota Hai इसी के बारे में सीखने वाले हैं।

लेकिन इससे पहले आपको फाइनेंस क्या होता है के बारे में जानना चाहिए क्योंकि Corporate Finance फाइनेंस की श्रेणी में आता है। यदि आप फाइनेंस को बहुत अच्छे से समझना सीखना चाहते हैं तो सबसे पहले आप Corporate Finance Kya Hota Hai के बारे में जानें। मैं आपको ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि फाइनेंस तीन प्रकार के होते हैं।

Personal finance
Corporate Finance
Public finance

जिसमे हमने आपको personal finance के बारे में बता चुके हैं यदि आप personal finance के बारे में पहले से जानते हैं तो आज का ये लेख शुरू से लेकर अखरी तक पूरा पढ़े….

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यदि हम फाइनेंस का हिंदी मतलब ढूंढेंगे तो इसका सही मतलब वित्त या पूंजी होता है। यदि इसे और भी आसान भाषा समझे तो फाइनेंस का मतलब होता है ‘पैसे का मैनेजमेंट करना ‘

Corporate Finance Kya Hota Hai in Hindi


आज हम Corporate Finance Kya Hota Hai के बारे में जानेंगे लेकिन सबसे आसान भाषा में जानने की कोशिश करेंगे ताकि आपको भी समझने में परेशानी ना हो ।

तो देखिए Corporate Finance Kya Hota Hai यदि आसान शब्दों में कहें तो किसी कम्पनी के पैसों को मैनेजमेंट करने की एक्टिविटी को हम Corporate Finance कॉरपोरेट फाइनेंस कहते हैं। या फिर किसी बिजनेस के पैसों का  लेनदेन करना या मैनेजमेंट करने की एक्टिविटीज को ही हम Corporate Finance कहते हैं।

कॉरपोरेट फाइनेंस में काफी कुछ आ सकता है जैसे की कंपनी के पैसों को कहां लगाना है ताकि उसका अच्छा रिटर्न्स समय के साथ कंपनी को मिल सके। कंपनी के पैसों कहां इन्वेस्ट करना है, कब इन्वेस्ट करना, किस जगह पर इन्वेस्ट करना है और कितना इन्वेस्ट करना है वगैरह – वगैरह। इसे आप कह सकते हैं की यह कॉरपोरेट फाइनेंस होता है।

इसको अब हम एक अलग तरह से समझते हैं । कंपनी में जो फाइनेंस डिपार्टमेंट होता है, आखिर में वो होता क्या है, उनका काम क्या होता है? देखिए हर कंपनी को चलाने के लिए जितनी भी कंपनिया है उनमें बहुत सारे डिपार्टमेंट्स होते हैं।

जैसे की कोई व्यक्ति जो बिल्कुल भी पढ़ा लिखा नही है तो ऐसे में कंपनी उसे सिक्योरिटी या फिर क्लीनिंग का काम देती है, यदि कोई अकाउंटिंग का काम जनता ही तो उसे फाइनेंस के डिपार्टमेंट में रखा जाता है, जिसे टेक्नोलॉजी की अच्छी जानकारी है उसे टेक डिपार्टमेंट में रखा जाता है।

इनमें हम बात कर रहे हैं की जो फाइनेंस डिपार्टमेंट में work करते हैं आखिर इन लोगों का क्या काम होता है? इस बात को समझ लेना मैं इसलिए महत्वपूर्ण समझता हूं। क्योंकि शायद इसे जानने के बाद आप कॉरपोरेट फाइनेंस के बारे में बखूबी अच्छे से जान जाओगे ।

कंपनी में जो फाइनेंस डिपार्टमेंट में काम करते हैं उनका काम ये रहता है की कंपनी के लिए शोर्स ऑफ इनकम कैसे पैदा करना है, फंड कहां से आयेगा, किन चीजों का इंतजाम करना है, कंपनी की जो पूंजी है, कंपनी की जो लागत है, कंपनी के जो पैसे है उनका मैनेजमेंट कैसे करना है, उसके बाद कब इन्वेस्ट करना है, कितने दिनों के लिए इन्वेस्ट करना है।

ये सारे काम कंपनी के पैसों का मैनेजमेंट है। यह कंपनी के फाइनेंस डिपार्टमेंट में आता है और इन्ही सब को कॉरपोरेट फाइनेंस कहा जाता है।

कंपनी में फाइनेंस डिपार्टमेंट उसमे एक मैनेजर भी होता है जोकि इन सबको मैनेज करता है साथ फाइनेंस डिपार्टमेंट के सारे डिसीजन लेना मैनेजर के हाथ पर ही होता है। पैसा कहां पर खर्च करना है , पैसों को कहां पर इन्वेस्ट करना है ताकि भविष्य में उसका अच्छा रिटर्न्स मिले जिससे की कंपनी को फायदा हो।

Conclusion

कॉरपोरेट फाइनेंस के अंतर्गत और भी बहुत सारी चीजें आती है जिसके बारे में हमने बात नही की है क्योंकि शायद आपको ठीक से समझ न आ पाएं या फिर आप बोर हो जाएं। मेरा मकसद सिर्फ आपको Corporate Finance Kya Hota Hai के बारे में समझना था ।

इसलिए मैने आपको इस लेख में सीधा और आसान भाषा में समझने की कोशिश की है। मुझे उम्मीद है की आपको आज का ये लेख पसंद आया होगा । ऐसे ही इंट्रेस्टिंग पोस्ट रोजाना पाने के लिए हमारे ब्लॉग को फॉलो करें ताकि आपको लेटेस्ट पोस्ट सबसे पहले पढ़ने को मिले।

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